सिरामिक अभियांत्रिकी विभाग
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय जी ने भारत में ग्लास और सिरामिक प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के महान उद्देश्य के साथ ग्लास और सिरामिक प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रम का वर्ष 1924 में शुरूआत की । विभाग सिरामिक इंजीनियरिंग में बी.टेक, बी.टेक – एम. टेक डिग्री (दोहरी डिग्री), एम. टेक और पीएच. डी की डिग्री प्रदान करता है । एम. टेक और पीएच. डी कार्यक्रमों अंतःविषय डिग्री प्रदान करता हैं जो इंजीनियरिंग एंड साइंस की सहयोगी शाखाओं गेट या नेट उत्तीर्ण छात्रों के लिए है । पीजी पाठ्यक्रमों में उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रायोजित उम्मीदवारों को भी प्रवेश मिलता है । विभाग ग्लास, ग्लास मिट्टी के बरतन, जैव कांच और जैव ग्लास सिरेमिक, रीफ्रैक्टरीज, सिरेमिक सफेद माल, मिट्टी के बरतन और चीनी मिट्टी के बरतन, सीमेंट, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक सिरेमिक के उभरते क्षेत्रों में सक्रिय अनुसंधान को आगे बढ़ा रहा है । प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में नियमित रूप से अनुसंधान पत्र प्रकाशित किए जा रहे हैं ।
विभाग नियमित रूप से नियमित संपर्क, यात्राओं, सेमिनार, संगोष्ठियों, कार्यशाला और सम्मेलनों के माध्यम से शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों, राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं और विभिन्न सिरामिक उद्योगों के सहयोग से काम करता है । विभाग समय-समय पर औद्योगिक कंसल्टेंसी और परीक्षण संस्थान के सेवा के तहत उद्योगों को तकनीकी सलाह और परामर्श भी देता है । विगत वर्षों के दौरान यह पूरे औद्योगिक, अनुसंधान और विकास और देश में शैक्षिक क्षेत्रों के लिए अनपैरलल है । विभाग के पास बड़ी संख्या में प्रोजेक्ट है जो विभिन्न सरकारी और निजी संगठन, जैसे, सीएसआईआर, डीएसटी, डीआरडीओ, आदि द्वारा वित्त पोषित है । विश्व स्तर पर शैक्षणिक एवं अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग बढ़ाने की दृष्टि से विभाग ने कनेक्टिकट एवं ओक्लाहोम विश्वविद्यालय के साथ एम. ओ. यू. किया । औद्योगिक विकास हेतु अनुसंधान एवं परीक्षण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए संस्थान में औद्योगिकी संगठन के सहयोग से IRMA सेंटर ऑफ एक्सलेंस फॉर रिफ्रेकटरी स्थापित हुआ । प्रौद्योगिकी अद्यतन एवं लघु व मध्यम आकार के सिरामिक तथा ग्लास उद्योग के सहायता हेतु महामना ग्लास एंड सिरामिक टेक्नोलाजी स्किल डेवेलपमेंट सेंटर स्थापित किया गया ।
संकाय सदस्य और उनके विशेषज्ञता के क्षेत्र :-
क्रम संख्या | नाम और योग्यता | विशेषज्ञता के क्षेत्र |
---|---|---|
आचार्य | ||
डॉ. देवेन्द्र कुमार | ग्लास सिरामिक, ग्लास सिरामिक प्रौद्योगिकी | |
डॉ. राम प्यारे | ग्लास विज्ञान प्रौद्योगिकी | |
डॉ. विनय कुमार सिंह | बायो-सिरामिक,सीमेंट, डेंटल मैटेरियल | |
सह-आचार्य | ||
डॉ अनिल कुमार | ग्लास प्रौद्योगिकी एवं फर्नेसेस | |
डॉ कल्याणी मोहंता | पावडर प्रोसेसिंग, सीमेंट एंड बिल्डिंग मैटेरियल्स | |
डॉ मानस रंजन मांझी | रेफ़्रैक्टरी प्रौद्योगिकी,बायो सिरामिक | |
सहायक आचार्य | ||
डॉ प्रदीप कुमार रॉय | मैग्नेटिक एवं फेरोइलेक्ट्रिक सिरामिक | |
डॉ आशुतोष कुमार दुबे | पीजोइलेक्ट्रिक बायोमैटिरियल्स, फंक्शनली ग्रेडेड मैटेरियल्स | |
डॉ अकांक्षा द्विवेदी | इलेक्ट्रोनिक सिरामिक एवं कंपोजिट्स फॉर एनर्जी स्टोरेज | |
डॉ प्रीतम सिंह | एनर्जी मैटेरियल्स, रिचारजेबल बैटरी | |
डॉ मो. इम्तियाज़ अहमद | अकार्बनिक फोटोवोल्टिक मैटेरियल्स | |
डॉ सांतनु दास | संश्लेषण, गुण, और कार्यात्मक नैनोमीटर के अनुप्रयोग |